सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि जब तक संविधान पीठ अंतिम फैसला नहीं लेती है तब तक सरकार SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है. इससे पहले कई हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार से कहा कि जब तक संविधान पीठ इस मुद्दे पर अन्तिम फैसला नहीं लेती तब तक वो कानून के मुताबिक SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन में रिजर्वेशन दे सकती है. इससे पहले शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि कमर्चारियों को प्रमोशन देना सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन अलग अलग हाई कोर्ट के फैसलों के चलते ये प्रमोशन रुक गया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण फिलहाल दे सकती है.
ध्यान रहे की प्रमोशन में आरक्षण का मसला काफी विवादित रहा है. दलितों के हिमायती इस मसले पर लगातार सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. उनका मानना है कि सरकार की तरफ से अदालत में मजबूती से पक्ष नहीं रखने की वजह से प्रमोशन में आरक्षण नहीं मिल रहा है. पिछले दिनों जब एससी/एसटी एक्ट (तुरंत गिरफ्तारी पर रोक) पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया तो प्रमोशन में आरक्षण की मांग नये सिरे से शुरू हो गई. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को प्रमोशन में आरक्षण की इजाजत दे दी है.
साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना मात्रात्मक डेटा के SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. प्रमोशन में आरक्षण कर रहे वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ये साबित करना जरूरी है कि नौकरी में SC/ST का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है और इसके लिए डेटा देना होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तब याचिका दाखिल की गई. इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की पीठ का गठन किया है.