बागली विधायक मुरली भंवरा के लिखित पत्र एवं जिला कलेक्टर के आश्वासन के बाद
लगातार 3 दिन से विधायक निवास पर चल रहा धरना स्थगित
देवास/बागली
हाटपीपल्या माइक्रो उधवन सिंचाई के कूप तालाब का स्थान परिवर्तन कर झिकड़ा खेड़ा के काबली में बनाए जाने का विरोध किसान कर रहे हैं । भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में बागली विधायक कार्यालय के सामने लगातार तीन दिन तक महिला पुरुष धरने पर बैठे थे । शुक्रवार को कलेक्टर ऋषभ गुप्ता के साथ प्रतिनिधि मंडल की विस्तृत चर्चा हुई किसानों ने बताया कि जब डी पी आर में तालाब कुप गांव में प्रस्तावित था तो इसे झिकड़ा खेड़ा के काबली में क्यों ले जाया जा रहा है हम इसका घोर विरोध करते हैं किसान प्रतिनिधियों ने कहा की बागली के कूपगांव में तालाब बनता है तो क्षेत्र से निकलने वाली काली सिंध नदी जीवित होगी । यह स्थान पठारी पर होने के कारण बागली क्षेत्र का वाटर लेवल बढ़ेगा, आसपास आदिवासी गांव होने के कारण मछली पालन एवं उनके खेतों को पानी मिलेगा, वन्य जीव जंगलों से गांव की ओर पलायन कर रहे हैं उन्हें यहां पानी मिलेगा तो गांव की ओर पलायन नहीं करेंगे, किसानों ने कहा कि किसी भी हालत में हम यहां सर्वे नहीं होने देंगे । विधायक मुरली भंवरा ने कलेक्टर महादेव को झिकड़ाखेड़ा के काबली में तालाब नहीं बनाए जाने का पत्र भी सोपा ।
कलेक्टर ने कहां की आपकी बात हम ऊपर भेजेंगे जो भी उचित होगा शासन निर्णय करेगा अभी हम 20 दिनों तक कोई भी सर्व नहीं करेंगे ।
आप जल संसाधन मंत्री एवं मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखें
विधायक पहुंचे धरना स्थल
एवं किसानों को स्पष्ट किया की झिकड़ा खेड़ा के कावली में तालाब नहीं बनने दूंगा एक पत्र भी किसान प्रतिनिधियों को सोपा मैं भी आपके साथ खड़ा हूं । मैं प्रभारी मंत्री, जल संसाधन मंत्री, एवं मुख्यमंत्री से आपके प्रतिनिधिमंडल को मिलाऊंगा ।
बागली एवं आसपास छतरपुरा नयापुरा बेहरी चैनपुरा धावड़िया चारीया लखवाडा के किसान भी चाहते हैं की तालाब कुप गांव में ही बने इससे हमारे क्षेत्र में हरियाली आएगी वहां के किसान बड़ी संख्या में 3 दिन से लगातार धरने में मौजूद रहे ।
तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में किसान एवं महिलाएं उपस्थित थी दोपहर में भोजन के बाद धरना अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया ।
जिला अध्यक्ष हुकम पटेल ने बताया कि भूमि पूजन के समय जहां तालाब चिन्हित किए थे वहीं पर तालाब बने इसे अन्यत्र नहीं ले जा जाए अगर दूसरी जगह ले जाया जाता है, तो भारतीय किसान संघ इसका घोर विरोध करेगा ।