सूअर पालन करने वालो पर नही की जाए कार्यवाही, कलेक्टर को दिया आवेदन

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सूअर पालन करने वालो पर नही की जाए कार्यवाही, कलेक्टर को दिया आवेदन

देवास। पशुपालन के अंतर्गत सुअर पालन करने वालों के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही रोके जाने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता आरबी भाई पटेल ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। श्री पटेल ने ज्ञापन में बताया कि पिछले आठ माह से कोरोना संक्रमण महामारी से पुरा देश प्रभावित हुआ। शासन एवं जिला प्रशासन की सर्तकता से महामारी पर कंट्रोल हुआ। वाल्मिक जाति के कार्य करने वाले कर्मचारी/मजदुरों से ड्यूटी समय पशु समान व्यवहार अधिकारी/वरिष्ठ कर्मचारियों द्वारा किया जाता है, जबकि महामारी से बिना डरे और अपने परिवार को छोडक़र सुबह 5 बजे से बिना चाय-पानी के ड्यूटी पर आते है। जाति के आधार पर पशु पालन शासन की घोषणा के अनुसार सूअर पालन कई बेरोजगार वर्ग के व्यक्ति 100 वर्षों से अधिक समय करते आ रहे है। लेकिन इन जानवरों से कभी कोई महामारी नही फैली है, लेकिन कोरोना सक्रमण महामारी का बहाना देकर वाल्मिकी समाज के साथ अमाननीय व्यवहार किया जा रहा है। सामान्य वर्ग के लोगो द्वारा गाय, बैल, बकरियाँ, सांड आदि आवारा पशु पाले जाते है। लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नही की जाती। कुत्ते काटने और साँप के काटने से मृत्यु होने पर शासन द्वारा विशेष से पारिवारिक श्रतिपुर्ति राशन प्रदान करती है। इसी तरह सूअर भी पुरे देश में पाले जाते है। जंगल में विशेष रूप से पाये जाते है, लेकिन इस पशु से पुरे देश में कई महामारी पिछले कई वर्षों से ना कोई घटना घटित हुई। शासन द्वारा कभी कोई दवाई भाी नही बनाई गई। असामजिक जाति विरोधी व्यक्तियों द्वारा ओछी मानसिकता के कारण इन्हें सूअर पालने वालों के विरूद्ध छुवा-छुत की भावना से प्रभावित होकर वाल्मिकी समाज के लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर प्रताडि़त किया जा रहा है। श्री पटेल ने मांग की है कि जनहित एवं मानवीय आधार को ध्यान में रखते हुवे केवल वाल्मिक जाति वालों के लोगों पर सूअर पालन पर जो कार्यवाही की जा रही है, उसे तुरंत रोका जाए। 

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