आज रात 11 बजे राजाधिराज बाबा महाकाल (हर) चांदी की पालकी में सवार होकर महाकाल मंदिर से गोपाल मंदिर स्थित हरि के दरबार पहुंचेंगे देवास से पत्रकार नितेश नागर की रिपोर्ट

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आज रात 11 बजे राजाधिराज बाबा महाकाल (हर) चांदी की पालकी में सवार होकर महाकाल मंदिर से गोपाल मंदिर स्थित हरि के दरबार पहुंचेंगे

वैकुंठ चतुर्दशी पर हर सृष्टि का भार हरि को सौंपने के लिए उनके दरबार गोपाल मंदिर पहुंचते हैं। प्रत्येक वर्ष इस परंपरा को भव्य रूप से मनाया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इस परंपरा में आतिशबाजी और अद्भुत नजारा दिखाई नहीं देगा। आज रात 11 बजे राजाधिराज बाबा महाकाल (हर) चांदी की पालकी में सवार होकर महाकाल मंदिर से गोपाल मंदिर स्थित हरि के दरबार पहुंचेंगे। जहां सृष्टि का भार हर द्वारा हरि को सौंपा जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन द्वारा इस बार हरि-हर मिलन को सादगी के साथ पूरा कराया जाएगा। हर की सवारी के दौरान पालकी उठाने वाले कहार, पुजारी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस अधिकारी ही मौजूद रहेंगे। सवारी मार्ग पर आम श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजन की अनुमति नहीं दी गई है। हरि-हर मिलन के दौरान हिंगोट चलाने और आतिशबाजी के नजारे पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान किसी भी तरह की आतिशबाजी नहीं की जाएगी। जो जिला प्रशासन के आदेशों का उल्लंंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रशासन ने धारा 144 लागू की है। हरि-हर मिलन की परंपरा 100 वर्षोंसे अधिक समय से चली आ रही है। यह दूसरा मौका होगा जब आम श्रद्धालुओं को हरिहर मिलन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। पिछले वर्ष 2019 में भी हरि-हर मिलन की परंपरा को बिना श्रद्धालुओं के पूरा कराया गया था। पिछले वर्ष अयोध्या मंदिर पर फैसला आने की वजह से शहर में धारा 144 लगाई गई थी। उसी के बीच हर की सवारी महाकाल मंदिर से हरि के दरबार पहुंची 

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