बरोठा क्षेत्र में दशहरे पर्व रावण दहन के साथ भजन संध्या एवं शस्त्र पूजन कर मनाया गया देवास से पत्रकार नितेश नागर की रिपोर्ट

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बरोठा क्षेत्र में दशहरे पर रावण दहन के साथ भजन संध्या एवं शस्त्र पूजन कर मनाया गया

बरोठा क्षेत्र में इस बार दशहरे के पर्व पर रावण के पुतले दहन के साथ भजन संध्या एवं शस्त्र पूजन कर मनाया गया बरोठा में इस बार से बाबा रामदेव जन्मोत्सव समिति के द्वारा रावण दहन कार्यक्रम संपन्न किया गया जिसे आब बाबा रामदेव जन्मोत्सव समिति सतत निरंतर जारी रखेगी दशहरे को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व माना जाता है । कार्यक्रम के अध्यक्ष बाबा रामदेव जन्मोत्सव समिति अध्यक्ष तेजसिंह नागर के सानिध्य में दशहरा पर्व संपन्न हुआ मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत सरपंच जयंत इंदर सिंह नागर वृत्ताकार सोसाइटी पूर्व अध्यक्ष अमरदीप नागर गजेंद्र जागीदार सर एवं ग्रामीण जनों की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ रावण निर्माण गोवर्धन नाथ कला मंडल के सदस्य छतर सिंह नागर नितेश नागर गोपाल नागर लाखन नागर राहुल ढानटाली आदि के द्वारा किया गया अंत में आभार नितेश नागर पत्रकार ने माना आज भी बहुत से गांव में मिट‌्टी से रावण का पुतला बनाकर ग्रामीण रावण के पुतले को पीट-पीटकर नष्ट करते हैं। इस परंपरा के पीछे ग्रामीणों का तर्क है कि अहंकार को पीट-पीट कर ही नष्ट किया जाता है। बरोठा में विजयादशमी पर्व पर रावण के पुतलों का दहन किया जाता है।लेकिन बहुत से गांव मे अभी भी अनोखी परंपरा के तहत दशहरा पर्व पर मिट्टी का रावण भी बनाया जाता है। फिर गांव में स्थित राम मंदिर से ग्रामीण रावण दहन स्थल पर पहुंचते हैं। जहां रावण की गांव के पटेल द्वारा पुजा की जाती है उसके बाद ग्रामीण एवम बच्चे रावण के पुतले को पीट-पीटकर नष्ट करते हैं। इस परंपरा के पीछे ग्रामीणों का तर्क है कि अहंकार को पीट-पीट कर ही नष्ट किया जाता है। जब रावण को नष्ट कर देते हैं तो रावण के पुतले की मिट्टी को लोग घर लाते हैं। मान्यता के अनुसार घर के पूजा स्थान, धान की कोठरी व तिजोरी जैसे स्थानों में इस मिट्टी को रखने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है।

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