नई दिल्ली। भारतीय रेलवे, रेल नेटवर्क को अपग्रेड करने पर विचार कर रही है। स्वर्णिम चतुभरुज योजना के तहत लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर कोच को पूरी तरह खत्म कर दिए जाएगा। यानी इन ट्रेनों में सिर्फ एसी बोगियां ही रहेंगी। इस तरह की ट्रेन की रफ्तार 130/160 किमी प्रति घंटा होंगी। दरअसल मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें के 130 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की रफ्तार से चलने पर नॉन-एसी कोच तकनीकी समस्याएं पैदा करती हैं। इसलिए इस तरह की सभी ट्रेनों से स्लीपर कोच को खत्म कर दिया जाएगा। लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में फिलहाल 83 एसी कोच लगाने का प्रस्ताव है। हालांकि इस साल के अंत तक कोच की संख्या बढ़ाकर 100 कर दी जाएंगी। वहीं अगले साल कोच की संख्या 200 किए जाने का प्लान है। यानी आने वाले समय में यात्र और ज्यादा आरामदायक होगी। किराया भी सामान्य एसी कोच के मुकाबले कम ही रखे जाने का प्लान है।
लेकिन..इसका यह मतलब कतई नहीं है कि अब नॉन एसी कोच होंगे ही नहीं। असल में नॉन एसी कोच वाली ट्रेन की रफ्तार एसी कोच वाली ट्रेनों के मुकाबले कम होगी। जानकारी की मुताबिक ऐसी ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएंगी। यह सारा काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, साथ ही नए अनुभवों से सबक लेते हुए ही आगे की योजना बनाई जाएगी।