पाडलिया पंचायत में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर देवास से पत्रकार नितेश नागर की रिपोर्ट

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पाडलिया पंचायत में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर

विभागीय अधिकारी बैठे चुप्पी साधे:- जनंपद पंचायत कालापीपल

कालापीपल/शाजापुर

आज पूरा मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा भारत कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। लोग अपना बचाव करने में जुटे हुए हैं वहीं बेरोजगारी व भुखमरी अपने पैर पसार कर घर-घर जा बैठी है। वही पंचायत के कुछ ठेकेदार शासन के खजाने को खाली करने में तन मन से लगे हुए हैं। जिस का नजारा कालापीपल जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली पंचायत पाडलिया में देखा जा सकता है यहां पंचायत के सेवक ही भक्षक का कार्य करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जी हॉ ग्राम पंचायत पाडलिया में श्मशान घाट का स्थान सिर्फ नाम सुनने में ही अच्छा लगता है जबकि जमीनी स्तर से देखा जाए तो कुछ और ही आलम जान पड़ता है इसमें भी लाखों का गबन करने में सरपंच, सचिव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है। सुविधा के नाम पर देखा जाए तो श्मशान घाट में ना ही बैठने की व्यवस्था है।,ना ही जल पीने की व्यवस्था है और ना ही कोई बाउंड्री वाल बनाया गया है। संबंधित अधिकारी इस विषय में निष्पक्षता से जांच करें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है।

फर्जी बीलों का लगा अंबाढ़

ग्राम पंचायत पाडलिया में दूसरी बात करें तो यहां सरपंच,सचिव व रोजगार सहायक की मिलीभगत से बिना जीएसटी वाले बिल और किसी दिन में तो सरपंच सचिव की सील मोहरों का कोई अता पता ही नहीं है। और तो और कुछ बीलों की बात करें तो पंचायत दर्पण के पोर्टल पर देखें तो कहीं बिल धुंधले दिखाई पड़ते हैं फिर भी सभी की मिलीभगत से शासन-प्रशासन के शासकीय खजाने को लूटने में लगे हुए हैं पर वरिष्ठ अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।…….

आवास के नाम पर भ्रष्टाचार

जी हां ग्राम पंचायत पाडलिया में आवास के नाम पर भी सरपंच सचिव द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है यहां जरूरतमंदों को ठेंगा और साहूकारों को योजना का डबल डबल फायदा दिया जा रहा है जो लोग कई बार आवेदन के माध्यम से सरपंच सचिव को अवगत करा चुके हैं और अवगत करा भी रहे है। लेकिन हर बार ना कामयाबी ही लोगों के हाथ लगी है उपरोक्त मुद्दों की वरिष्ठ अधिकारी और एसडीएम साहब और जिला कलेक्टर महोदय द्वारा कार्यवाही की जावे तो भारी भ्रष्टाचार का मामला उजागर हो सकता है।
अब देखना यह है कि इस विषय में कब तक कार्रवाई की जाती है या फिर ऐसे ही शासन मुख दर्शन बन देखता रहेगा।

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