प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाली “छाया”सहित सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में देवास से पत्रकार नितेश नागर की रिपोर्ट

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प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाली “छाया”सहित सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
देवास। पिछले दिनों प्रेम प्रसंग व पैसे के लालच में एक पत्नी ने अपने प्रेमी व उसके साथियों के साथ मिलकर अपने ही प्रेमी की न सिर्फ हत्या करा दी थी, बल्कि उसकी लाश के टुकड़े करके जला भी दिया था। हालांकि पत्नी का यह पाप ज्यादा दिन नहीं छुप सका और पुलिस ने इस अंधेकत्ल का पर्दाफाश करते हुए पत्नी, उसके प्रेमी व तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बात का खुलासा नवागत पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह ने प्रेस वार्ता में किया। प्रेस वार्ता में एएसपी जगदीश डाबर, एएसपी ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा, सीएसपी अनिलसिंह राठौड़ भी मौजूद थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गत 12 जून को छाया बाई निवासी आड़ी पट्टी मल्हार ने औद्योगिक क्षेत्र थाने पर पहुंचकर अपने पति भगवान सिंह की गुमशुदगी दर्ज कराई थी और बताया था कि उसका पति पारिवारिक विवाद के चलते कहीं चला गया है। पुलिस ने उसकी रिपोर्ट पर गुमशुदगी दर्ज कर ली थी, किंतु पुलिस को छाया बाई के बातचीत के अंदाज से पहले ही दिन शक हो गया था। लिहाजा पुलिस भगवानसिंह को ढूंढने के साथ ही छाया बाई पर भी नजर रख रही थी। पुलिस ने जब जांच का दायरा बढ़ाया तो पता चला कि गुमशुदा भगवान सिंह ग्राम सीलाखेड़ी भटूनी थाना कायथा जिला उज्जैन का रहने वाला है और उसकी शादी वर्ष 2013 में छाया बाई से हुई थी। शादी के बाद भगवान सिंह अपने गांव की जमीन व घर बेचकर 8 लाख रुपये लेकर देवास आ गया था। 4 लाख रुपये में उसने आड़ी पट्टी मल्हार में मकान खरीदा था तथा शेष नगद राशि बैंक खाते में डाल दी थी। भगवान सिंह रूचि सोया कंपनी में काम करने लगा था और इन 7 सालों में उसके यहां दो बच्चों का जन्म हुआ। इसी बीच भगवान की पत्नी छाया की दोस्ती मोहल्ले में रहने वाले लाखन पिता बहादुर सिंह से हो गई और इन दोनों के बीच अवैध संबंध स्थापित हो गए और प्यार परवान चढऩे लगा। तब छाया को अपना पति भगवान सिंह खटकने लगा। भगवान सिंह के बैंक खाते में 2 लाख रुपये रखे थे, उस पर भी छाया व उसके प्रेमी लाखन की नजर चली गई थी। लिहाजा दोनों ने भगवान सिंह को रास्ते से हटाने की खौफनाक योजना बना डाली और जब 11 जून को भगवान सिंह अपने घर पर गहरी नींद में सो रहा था, तभी छाया बाई ने लाखन को फोन कर बुलाया और 10 हजार रुपये नगद दिये। इसके बाद लाखन ने रात करीब 1 बजे अपने साथी अकील उर्फ अक्कू मुसलमान निवासी सिल्वर पार्क कालोनी तथा शानू निवासी मस्जिद के पास सिल्वर पार्क कालोनी को भी बुलवाया लिया और दोनों को 5-5 हजार रुपये देकर भगवान सिंह को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। तभी छाया बाई ने इस कार्य में अपने भतीजे संतोष उर्फ निखिल पिता राधेश्याम निवासी आड़ी पट्टी मल्हार को भी शामिल कर लिया और रात को ही भगवान सिंह को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201, 120-बी, 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
इस अंधेकत्ल की गुत्थी सुलझाने में औद्योगिक क्षेत्र टीआई अनिल शर्मा, उपनिरीक्षक आर.के. शर्मा, एएसआई के.के. परमार, महिला आरक्षक नेहा सिंह ठाकुर, रूपेश, जितेंद्र, शिवप्रतापसिंह सेंगर, संतोष रावत, चालक जितेंद्र व्यास की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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