अब देवास में ही शीघ्र शुरू होगी कोरोना वायरस की टेस्टिंग
देवास जिले के अमलतास अस्पताल के पेथाॅलाजी विभाग में कोविड़19 वायरस की जांच के लिए आवश्यक पी.सी.आर. मशीन उपलब्ध होने के बाद भी अमलतास की लेबोरेटरी को एन.ए.बी.एल. गुणवत्ता प्रमाणन नहीं होने से कोरोना टेस्ट की अनुमति नहीं मिल पा रही थी। इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने मात्र 10 दिनों में अमलतास लेबोरेटरी को विश्वस्तरीय एन.ए.बी.एल. गुणवत्ता प्रमाणन की मान्यता की शर्तो के अनुसार तैयार कर के एन.ए.बी.एल. गुणवत्ता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया जिसकी मान्यता हेतु निरीक्षण के लिए केन्द्र और प्रदेश स्तर के एक दल ने आज अमलतास पेथाॅलाजी विभाग का निरीक्षण किया। निरीक्षण दल की रिपोर्ट के आधार पर एन.ए.बी.एल गुणवत्ता प्रमाणपत्र मिल जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा अमलतास को देवास में ही कोरोना टेस्टिंग की अनुमति दे दी जायेगी। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के सक्सेना और सिविल सर्जन डॉ अतुल बिड़वई के नेतृत्व में अमलतास अस्पताल के कोरोना वार्ड प्रभारी डॉ अश्र्विन सोनगरा और उनकी टीम ने श्रेष्ठतम कार्य करते हुए एक ओर जहां देवास जिले की रिकवरी रेट को 64% तक पहुंचा दिया है वहीं दूसरी ओर कोरोना पाज़िटिव मरीजों की मृत्यु दर भी नियंत्रण में आ रही है जबकि गत 21 अप्रैल के बाद से आज तक 36 दिनों में सिर्फ एक मृत्यु 18 मई को हुई है।
अमलतास के आयुष्यमान विभाग प्रमुख एवं पी.आर.ओ. सतीश उपाध्याय ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा कोरोना प्रकोप के दौरान स्वयं की परवाह किए बगैर किये जा रहे कार्यों और उसके परिणामस्वरूप रिकवरी रेट आदि को देखते हुए शासन ने उज्जैन जिले के कोरोना पाज़िटिव मरीजों को भी इलाज के लिए अमलतास अस्पताल में भर्ती किए जाने की अनुमति दी है जिसके तहत गत दिवस उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने अमलतास का दौरा कर यहां उपलब्ध संसाधनों और व्यवस्थाओं का जायजा लिया और उससे संतुष्ट हो कर उन्होंने उज्जैन जिले के कोरोना पाज़िटिव मरीजों को भी यहां भेजे जाने के आदेश दे दिए।
अमलतास के चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया ने इस के लिए देवास कलेक्टर डॉ श्रीकांत पांडे एवं जिला पंचायत सीईओ शीतल पाटले तथा उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह का आभार व्यक्त किया।