कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने देवास जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र किया घोषित
देवास 18 मई 2020/ पेयजल संकट से निपटने एवं आमजन सहित पशु-पक्षी आदि की तत्संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा -3 में प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने जिले को “जल अभावग्रस्त’’ क्षेत्र घोषित किया हैं। यह आदेश दिनांक 31 जुलाई 2020 तक लागू होगा।
आदेश में उल्लेख है कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों से इस आशय की जानकारी प्राप्त हो रही है कि विभिन्न पेयजल स्त्रोतों अवैध रूप से सिंचाई की जा रही हैं जिससे ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण/ शहरी क्षेत्रों में पेयजल एवं घरेलू जल संकट की स्थिति निर्मित होने की संभावना है। यदि उक्त स्थिति के कारण पेयजलापूर्ति बाधित होती है तो ग्रामीण एवं शहरी जनसंख्या सहित पशु, मवेशियों, पक्षियों एवं अन्य जानवरों आदि को संकट पहुंचेगा जो किसी भी स्थिति में ठीक नहीं है।
कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने जल अभावग्रस्त क्षेत्र के तहत सभी जल स्त्रोतों यथा बांध, नदी, नहर, जलधारा, झरना, झील-जलाशय, नालाबंधान, नलकूप या कुओं से किसी भी साधन से सिंचाई करना प्रतिबंधित किया है तथा जिला स्थित समस्त जल स्त्रोतों में संग्रहित जल को “पेयजल एवं घरेलू उपयोग” हेतु सुरक्षित करते हुए निर्देश भी जारी किए है।
आदेश अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी जल स्त्रोत से सिंचाई हेतु जल उपयोग नहीं करेगा। जल संरक्षण की दृष्टि से संपूर्ण जिले में नलकूप खनन प्रतिबंधित रहेगा। जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में नलकूप/ बोरिंग मशीन द्वारा किसी भी प्रकार का खनन नहीं किया जावेगा। वर्तमान जल स्त्रोतों से पेयजल/ घरेलू या निस्तार प्रयोजन को छोड़ अन्य किसी प्रयोजन के लिए भी जल उपयोग प्रतिबंधित होगा। आवश्यक होने पर “अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/ अनुविभागीय दण्डाधिकारी “किसी क्षेत्र में नल-जल योजना न होने, अपेक्षित स्थान के आसपास हैण्डपंप कुआँ न होने, अपेक्षित स्थान से 150 मीटर के रेडियस में नलकूप या कुंओं न होने, अन्य पेयजल स्त्रोत पर विपरीत प्रभाव न पड़ने आदि का परीक्षण पी.एच.ई. विभाग के सक्षम तकनीकी अधिकारी से करवाकर नलकूप खनन की अनुमति जारी कर सकेंगे। यदि नलकूप खनन की अनुमति प्रदान की जाती है तो आवेदक को निर्धारित फीस का भुगतान करना आवश्यक होगा। शासकीय संस्थाओं के लिए प्रतिबंध लागू नहीं होंगे किन्तु तत्संबंधी कार्यों की जानकारी संबंधित विभाग द्वारा क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/ अनुविभागीय दण्डाधिकारी को अनिवार्य रूप से प्रदान करेगी। किसी जल स्त्रोत से पूर्व अनुमति प्राप्त “अन्य प्रयोजन” के जल उपयोग पर यह प्रतिबंध लागू नही होगा।