सुरक्षित भारत के लिये तिब्बत की आज़ादी का लें संकल्प : अर्पित मुदगल
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
खातेगांव/कन्नौद।।भारत तिब्बत सहयोग मंच की एक बेठक खातेगांव डाकबुङ्गलौ में आयोजित की गई। जिसमे मुख्य रूप से मंच युवा विभाग के राष्ट्रीय महामंत्री श्री अर्पित मुदगल ने मुख्य अतिथि रहे। बैठक की अध्यक्षता मालवा प्रान्त युवा अध्यक्ष डालचंद जाट ने की। कार्यक्रम संचालन सूरज बांटा ने तथा आभार चंद्रशेखर विश्नोई ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बताया कि भारत तिब्बत सहयोग मंच एक सामाजिक संगठन है जो कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, तिब्बत की आजादी और भारत की सुरक्षा के संकल्प के साथ काम कर रह है। मंच का मानना है कि आज भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती चीन द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में किए जा रहे हस्तक्षेप और भारत की सुरक्षा पर पाकिस्तान के साथ मिलकर की जा रही साजिश बहुत ही चिंताजनक है। पूरी दुनिया जानती है कि चीन भारत का पड़ोसी देश नहीं है लेकिन तिब्बत पर कब्जा करने के बाद वाह अब भारत के पूर्वोत्तर प्रदेश और अरुणाचल को भी अपना हिस्सा बता रहा है तिब्बत पर चीन के कब्जे के कारण लगभग 3500 किलोमीटर की सीमा जो कि वास्तव में भारत और तिब्बत की सीमा है पर भारत सरकार का अरबों रुपए सुरक्षा पर खर्च हो रहा है। अगर तिब्बत आजाद होता तो यह पूरा पैसा भारत के विकास में लगाया जा सकता था वही सबको पता है की कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है जो सनातन धर्म हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र भगवान शंकर का निवास स्थान है इसके साथ ही बौद्ध धर्म को मानने वाले मानसरोवर को सबसे पवित्र स्थल मानते हैं जबकि जैन धर्म को मानने वाले कैलाश मानसरोवर को अष्टपद के रूप में पूजनीय मानते हैं, कैलाश मानसरोवर सिख समुदाय की भावना जुड़ी है। अगर तिब्बत आजाद हो जाता है तो पूरे देश के सनातन धर्म में बौद्ध जैन और सिख बिना रोक-टोक कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे। साथ ही लगभग 3500 किलोमीटर की भारत की सीमा स्वता सुरक्षित हो जाएगी। तिब्बत में बौद्ध धर्म के अनुयाई सर्वाधिक हैं जो हिंदू धर्म की ही एक शाखा है और सनातन धर्म की आत्मा है। अतः ऐसे में प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य बनता है कि अपने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए परम पावन दलाई लामा और उनके अनुयायियों द्वारा चलाया जा रहे तिब्बत मुक्ति आंदोलन को समर्थन करें चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें।
मालवा प्रान्त अध्यक्ष डालचंद जाट ने इस अवसर पर देवास जिले के कुछ पदाधिकारियों की नियुक्तियों की घोषणा भी की। जिसमें प्रमुख जिला पदाधिकारी के रूप में शुभम जाट , गौतम बंटू सागर, योगेश खंडेलवाल, अंकु पटेल, भूपेंद्र राठौर , शुभम चैपरवाल, मनीष योगी , नीरज जाट, राहुल जाट , शुभम बाम्भू , राहुल दया को भारत तिब्बत सहयोग मंच को पदाधिकारी बनाया गया।