विद्या भारती के 3 लाख 92 हजार पूर्व छात्रों के संगठन ने अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी को भी छोड़ा पीछे एवं बना विश्व का सबसे बड़ा पूर्व छात्र संगठन

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विद्या भारती के 3 लाख 92 हजार पूर्व छात्रों के संगठन ने अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी को भी छोड़ा पीछे एवं बना विश्व का सबसे बड़ा पूर्व छात्र संगठन

चिडावद निप्र ग्राम भारती जिला देवास द्वारा संकुल स्थिरीय स्वपोषी पूर्व छात्रों का सम्मेलन सरस्वती शिशु मंदिर खरेली में संपन्न हुआ। जिसमें कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय के प्रथम छात्र अश्विन चौहान द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। साथ ही ग्राम भारती जिला प्रमुख महेंद्र मंडलोई द्वारा कार्यक्रम की भूमिका रखी गई। तत्पश्चात पूर्व छात्र डॉ मोहन गुर्जर, नितिन राठौर, पंकज मुकाती, डॉक्टर सचिन भंडारी, युवराज भंडारी, अभिषेक भंडारी, सुमित मंडलोई आदि ने विद्यालय के अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम के दौरान सह प्रांत प्रमुख के त्रिलोक तिरोले ने ग्राम भारती के शिक्षण उद्देश्यों को बताया साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे परिवर्तनों पर अपने विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज विद्या भारती का पूर्व छात्र संगठन इतना बड़ा हो गया है कि अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की तीन पचास हजार से अधिक पुर्व छात्रों की संख्या को पार कर विद्या भारती के 392000 से अधिक छात्रों के संगठन के पंजीयन के साथ विश्व का सबसे बड़ा पूर्व छात्रो का संगठन बन गया है। उनके द्वारा कहा गया कि अभी तो शुरुआत है हमारे छात्रों की संख्या इससे कहीं ज्यादा अधिक है जो कि कई देशों में कार्यरत हैं जो हमारी संस्कृति सभ्यता एवं गौरव को बढ़ा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने छात्रों से आह्वान भी किया कि इस पूर्व छात्र की शक्ति एवं संगठन को हम अपने देश और समाज को एक नई दिशा देने में अहम भूमिका निभा सकता है।

पूर्व छात्र सम्मेलन के दौरान श्री त्रिलोक तिरोले विष्णु आर्य शंकर मंडलोई देवेन्द्र सोलंकी खरेली संयोजक अरविंद भंडारी महेन्द्र सिंह मंडलोई शिव नारायण वर्मा व संतोष बरनायिया की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।इस अवसर पूर्व छात्र बृजपाल सिंह चौहान, अजय सिंह राजपूत, कपिल बरनासिया, सोनू पटेल, राजेन्द्र सिंह खीची, सुनील पटेल, ईश्वर पटेल, नरेंद्र चौहान रामलखन राठौड़ सहित बड़ी संख्या में स्वपोषी छात्रों की गरिमामयी उपस्थिति रहीं। कार्यक्रम का संचालन अरुण मंडलोई ने किया एवं अंत मे आभार पंकज मुकाती ने माना।

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