लॉग डाउन में बिक रही शराब,,,,, कच्ची शराब का हो रहा है बेखोब विक्रय
देवास/बरोठा
बरोठा / लाक डाउन होने की वजह से पूरे देश के साथ बरोठा क्षेत्र में शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद है देसी व अंग्रेजी शराब की दुकानों पर ताले लगे हुए हैं लोग किसी भी कीमत पर शराब खरीदने को तैयार हैं मगर शराब मिल ही नहीं पा रही हैं जिन शराब तस्करों के पास शराब हैं वह महंगे दामों पर बेच रहे हैं शौकीन लोगों ने अपना शौक पूरा करने के लिए अंग्रेजी व देसी शराब का नया तोड़ ढूंढ लिया है वह है महुआ की बनी कच्ची शराब जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में खाटिया कहते हैं खाटिया दारू पहले 30 /40 रू बाटल मिलती थी जो अब 100 से 150 रुपए बाटल मिल रही हैं कच्ची शराब के कारण महुए गुड़ के भाव भी बढ़ गए हैं वर्तमान में कुछ लोग बरोठा में शराब बना रहे हैं जहां पर बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ गई हैं क्योंकि कुछ लोग परंपरागत रूप से महुए की कच्ची शराब बनाते हैं बता दें कि लोगों ने देश भर में ही प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन शराब की दुकानों के खुले रहने पर पाबंदी लगा दी हैं हालांकि मध्यप्रदेश में लाक डाउन के शुरुआत में शराब दुकानों को बंद से मुक्त रखा था लेकिन सामाजिक संगठनों की पूर्ण मांग पर सरकार ने कदम उठाते हुए शराब दुकानों पर पूर्ण पाबंदी लगा दी हैं शराब दुकान बंद होने से आजकल पोटली शराब धड़ल्ले से बेची जा रही हैं यह पोटली स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है यह यूरिया व अन्य दूसरी चीजों से बनाई जाती हैं शराब के शौकीन अब तक 3 मई का इंतजार कर रहे थे लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा लाक डाउन को 17 मई तक और आगे बढ़ा दिया गया है