मिलावट करने वालो पर लगेगी रासुका
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री सुधिरंजन मोहन्ती ने कहा है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट का कार्य जघन्य अपराध की श्रेणी का है। ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध जितनी भी बड़ी कार्यवाही की जाये, कम है। उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि वे मिलावट के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही निरन्तर जारी रखें। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी के विरूद्ध निरन्तर प्रभावी कार्यवाही की जाना चाहिये, न कि दिखावटी। मुख्य सचिव ने कहा कि पहले कई सालों से इस विषय पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और एजेन्सियां भी लापरवाह हो गई। धीरे-धीरे हमें इस दृष्टिकोण को बदलना होगा। मिलावटखोरी मानवता के विरूद्ध जघन्य अपराध है। इसके विरूद्ध कार्य मानवता की सबसे बड़ी सेवा होगी और हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से यदि मिलावटखोरों के बारे में संचार माध्यम से आमजन में जानकारी फैलेगी तो लोग जागरूक होकर स्वयं शिकायत लेकर आयेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि न केवल दूध एवं दूध से बने पदार्थों, बल्कि मसालों, फलों में कार्बाईड का उपयोग, तेल घी में मिलावट, दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिये ऑक्सीटोसिन आदि का उपयोग भी मिलावट की श्रेणी में आता है, इन पर भी जिला मजिस्ट्रेट्स को सख्ती से कार्यवाही करना चाहिये। आमजन को यह लगना चाहिये कि सरकार उनके हित में बड़ा काम कर रही है और मिलावट करने वाले समाज के सबसे बड़े अपराधी हैं। इनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में तगड़ी कार्यवाही की जाए