मतदान शुरू होने से लेकर समाप्ति तक नजर रखेंगे औरआयोग के प्रेक्षक के अधीन रहकर कार्य करेंगे माईक्रो आब्जर्वर
हाटपीपल्या उपनिर्वाचन 2020 के लिए माइक्रो आब्जर्वरों को दिया प्रशिक्षण
मदतान शुरू होने के 90 मिनट पहले राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को मॉक पोल करके वोटिंग की प्रक्रिया बताई जायेगी
देवास, 11 अक्टूबर 2020/ हाटपीपल्या विधानसभा उपनिर्वाचन 2020 के मतदान में प्रारंभ होने से लेकर समाप्ति तक माईक्रो आब्जर्वर की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। माईक्रो आब्जर्वर मतदान में ही उपस्थित होकर वहां घटित होने वाले प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखेगा और पल-पल की जानकारी भी संकलित करेगा। निर्वाचन कार्य में माईक्रो आब्जर्वर की भूमिका को लेकर रविवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में प्रशिक्षण संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि माईक्रो आब्जर्वर को आयोग के प्रेक्षक के अधीन रहते हुए कार्य करना है। माईक्रो आब्जर्वरों के प्रशिक्षण में आज 139 माइक्रो ऑब्जर्वरों का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में वीवीपेड मशीन के द्वारा वोटिंग प्रक्रिया की जानकारी दी। प्रशिक्षण दो पालियों सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर डॉ. अजय काले, डॉ. समीरा नईम द्वारा दिया गया।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अनुपस्थित मतदाता की श्रेणी के अंतर्गत 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता, दिव्यांग मतदाता तथा कोविड-19 संक्रमित मतदाता को डाक मतपत्र से मत देने के लिए शामिल किया गया है। पूर्व में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को ही डाकमत पत्र से मतदान करने की सुविधा थी। यदि 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाता एवं दिव्यांग मतदाता डाक मतपत्र से मतदान करने के इच्छुक नही है तो हमेशा की तरह मतदान केंद्र पर आकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर बटन दबाकर मतदान कर सकते है। दिव्यांग, अशक्त मतदाताओ तथा गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को मतदान केंद्र पर प्राथमिकता से मतदान कराया जाएगा तथा आवश्यक सुविधाए भी उपलब्ध रहेगी।
मास्टर ट्रेनरों ने मतदान केंद्रों पर तैनात होने वाले माईक्रो आब्जर्वरों से कहा कि मतदान प्रारंभ होने से समाप्ति तक नजर रखने के साथ-साथ निर्धारित प्रारूप में हां या नहीं में जानकारी प्रस्तुत करना होगी। माइक्रो ऑब्जर्वर के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षण में बताया कि मदतान शुरू होने के 90 मिनट पहले राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को मॉक पोल करके वोटिंग की प्रक्रिया बताई जायेगी। मतदान शुरू होने से पहले मतदान मशीन को शून्य करके फिर नये सिरे से मतदान शुरू किया जायेगा। वोटिंग मशीन, बैटरी, पर्ची मशीन जो भी पार्ट खराब हो सिर्फ वही बदला जायेगा। वोटिंग मशीन में 12 तरह के एरर आने पर मतदान की पूरी मशीन बदली जायेगी। मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं के लिए गोले बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जायेगा। माइक्रो ऑब्जर्वर बूथ एप के माध्यम से जानकारी समय-समय पर ले सकेंगे। माइक्रो ऑब्जर्वर को चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के 72 घण्टे पूर्व बूथ पर ड्यूटी की जानकारी मिलेगी।
मास्टर ट्रेनरों ने मतदान केंद्रों पर तैनात होने वाले माईक्रो आब्जर्वरों से कहा कि माइक्रो ऑब्जर्वर मतदान केंद्र पर यह देखेंगे कि मॉकपोल किया गया या नहीं, मॉकपोल के बाद कंट्रोल यूनिट का डाटा क्लियर किया गया है कि नहीं, मॉक पोल के दौरान कितने पोलिंग एजेंट उपस्थित थे, किसी एक अभ्यर्थी के एक से अधिक पोलिंग एजेंट मतदान केंद्र में तो नहीं है, कोई अनाधिकृत व्यक्ति मतदान केंद्र के अंदर तो नहीं आ गया है, मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही लगाई जा रही है या नहीं, मतदाता के पहचान के दस्तावेज देखे जा रहे हैं या नहीं, पीठासीन अधिकारी डायरी में गतिविधियों को नोट कर रहे हैं या नहीं। प्रशिक्षण में बताया गया कि माईक्रो ऑब्जर्वरों को मतदान प्रारंभ से लेकर समाप्ति तक प्रत्येक घंटे में हुए मतदान के प्रतिशत की जानकारी भी लेनी होगी।
मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि माईक्रों ऑब्जर्वर द्वारा मतदान के एक दिन पूर्व ही मतदान केंद्र का अच्छी तरह से अवलोकन कर लेना चाहिए। खास तौर पर यह ध्यान रखे कि वोटर्स की गोपनीयता तो भंग नहीं हो रही है। मतदान केंद्र को अच्छी तरह से देख लें। प्रशिक्षण के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र हुआ जिसमें माइक्रो आब्जर्वर की शंकाओं का समाधान किया गया।