भारतीय किसान संघ ने बिजली शेड्यूल के सम्बंध मैं सौंपा ज्ञापन ।

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भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन ।

बरोठा/देवास

अधीक्षक यंत्री मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी देवास ,कनिष्ठ यंत्री पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की नीतियों में सुधार हेतु भारतीय किसान संघ देवास, बरोठा तहसील अध्यक्ष सर्वेश केलवा, जिला उपाध्यक्ष बहादुर सिंह खोखरिया, तहसील उपाध्यक्ष सुरेंद्र बापू , तहसील संयोजक गोपी नागर फौजी व पूर्व तहसील अध्यक्ष दिनेश चौधरी द्वारा बरोठा डीसी एवं सिरोल्या डीसी पर ज्ञापन दिया गया । जिसमे किसानों द्वारा कहा गया कि किसान भी पंच तत्वों से बना इंसान ही है ,कोई मशीन नही उसे भी समय पर भोजन और रात्रि में नींद की आवश्यकता होती है । परंतु आपकी कंपनी द्वारा बनाए गए सिंचाई की बिजली शेड्यूल के कारण उसकी सारी दिनचर्या अस्त व्यस्त हो चुकी है । किसान खेती के साथ पशु पालन भी करता है, सुबह शाम उनका दूध निकालने का समय होता है । और इसी समय आपके द्वारा बिजली दी जाती है ,जितना जरूरी उसके लिए सिंचाई करना, उतना ही जरूरी दूध दुहना भी होता है । एक व्यक्ति एक समय एक ही काम कर सकता है । इसलिए सिंचाई की बिजली दोनो ग्रुप को अनिवार्य रूप से दिन मैं कम से कम 6 घंटे सुबह 6से दोपहर12 ओर दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक दी जावे । इसी प्रकार रात्रि में 4 घंटे ,शाम 6 से रात 10 ओर दूसरे ग्रुप को 2बजे से 6बजे तक दी जावे । भारतीय किसान संघ आपसे निम्न समस्याओं पर जल्दी सुधार चाहता है ।
ओवरलोड ट्रांसफार्मर समय पर बदला जाए । जिससे कि किसानों को पर्याप्त वोल्टेज मिल सके ।
अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से पंपों के हॉर्स पावर बढ़ाएं हैं ,उन्हें तुरंत यथावत किया जावे ।
किसानों की मांग अनुसार साल भर स्थाई कनेक्शन दिया जाए, एवं अस्थाई कनेक्शन भी 1,2,3,4 महा मांग अनुसार दिया जाए ।
गांव के घरेलू बिजली के औवर लोड ट्रांसफार्म एवम् जली केबल बदली जाए ।
झूले हुए तार टेढ़े मेढे खंबे को ठीक कर ट्रांसफार्मर की लीड व मुख्यमंत्री अनुदान योजना में लगे ट्रांसफार्मर की खराब हो चुकी केबल बदली जाए । जिससे कि किसानों के जान माल की हानि न हो ।
मुख्यमंत्री अनुदान योजना में लगे 25kvट्रांसफार्मर को बदल कर 63 या 100kv के कर उसके आस पास के किसानो को स्थाई कनेक्शन दिया जाए ।
अतः श्रीमान से आपसे निवेदन है कि हमारी सभी मांगों को तुरंत पूरा कर किसानो को राहत प्रदान की जावे नही तो भारतीय किसान संघ को मजबूरन उग्र आंदोलन करना पड़ेगा ।

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