भोपाल:आदिवासियों में कुपोषण मिटाने से लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार के नाम पर दो साल पहले शुरू की गई दीनदयाल वनांचल सेवा योजना को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बंद करवा दिया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि कुपोषण के लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए पहले से विभाग काम कर रहे हैं।
तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने इस योजना के शुभारंभ पर कहा था कि इस योजना के लिए न तो अलग से कोई बजट खर्च किया जाएगा न ही स्टॉफ लगेगा। शुरू में इसमें वन समितियों के फंड से वन विभाग के मैदानी अमले को ट्रेनिंग दी गई। बाद में इस योजना के लिए समिति से करीब साढ़े पांच करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके बाद 2018-19 में वन विभाग ने इस योजना के लिए फंड लेने के लिए प्रस्ताव वित्त को भेजा था। वित्त ने कहा था कि इस योजना में जो काम किए जा रहे हैं वो पहले से ही अन्य विभाग कर रहे हैं।
तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने अपनी पत्नी डॉ. किरण शेजवार को जून 2017 में इस योजना का सलाहकार बनाया था। डॉ. किरण ने कई कैंप किए। इसका खर्च वन समितियों के खाते से किया गया। मंत्री की पत्नी होने के विवाद के बाद जुलाई 2018 में उन्हें हटा दिया गया।