पुलिस थाने से बंटे टोकन..
घण्टों लाइन में भूखे-प्यासे खड़े होने के बावजूद कई किसान खाली हाथ लौटे ..
यूरिया की किल्लत से किसान खासे परेशान..
रबी सीजन में फसलों की बोवनी अब लगभग हो चुकी है। फसलों में अब पहला और दूसरा पानी फेरा जा रहा है। ऐसे में फसलों को यूरिया की सख्त आवश्यकता है। लेकिन यूरिया ना खुले मार्केट में आसानी से मिल रहा है ना ही सहकारी सोसायटियों में। किल्लत इतनी है कि यूरिया आने की खबर लगते ही किसान अलसुबह ही दूकानों के बाहर खड़े होकर इंतज़ार करने लगते हैं। बुधवार को भी खातेगांव की महाजन फर्टिलाइजर्स पर यूरिया आने की भनक किसानों को लगी तो सुबह 6 बजे से ही किसान लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे। देखते ही देखते 800 से 1000 किसान वहां जमा हो गए और किसानों की लाइन लम्बी होती चली गई, जिससे इंदौर-बैतूल नेशनल हाइवे पर आवागमन भी कुछ देर के लिए बाधित रहा।
शुरुआत में तो किसान व्यवस्थित लाइन बनाकर खड़े थे। लेकिन 9 बजे जब ट्रक में सिर्फ 360 ही बोरी यूरिया आया तो स्थिति बिगड़ने लगी और वहां मौजूद कुछ दबंगों और किसान नेताओं ने अपने लोगों को आगे करने के चक्कर में व्यवस्था बिगाड़ दी।
बाद में पुलिस, कृषि विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में यूरिया का वितरण हुआ। पावती देखने के बाद प्रति किसान सिर्फ 2 बोरी यूरिया दिया गया। हालांकि कुछ ही किसानों को यूरिया मिल पाया और विनोद पर्ते, अर्जुन ठाकुर, रामभरोस पटेल, जय किशन जैसे सैकड़ों किसान घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद मायूस होकर खाली हाथ वापिस लौटे।
5 माह पहले सील किए गोडाउन को खुलवाया:
इसी फर्म का एक गोडाउन 24 जून को यूरिया की बोरी पर लिखे बेच नंबर और बिल पर लिखे बेच नंबर का मिलान ना होने पर देवास से आए जाँच दल ने सील किया था। जिसमे 328 बोरी यूरिया रखा हुआ था। जिसे खुलवाने के लिए व्यापारी कई बार पत्राचार कर चुका था, लेकिन फ़ाइल एक विभाग से दूसरे विभाग में घूम रही थी और गोडाउन की सील नहीं खोली गई। बुधवार को स्थानीय अधिकारियों और विधायक आशीष शर्मा ने देवास के आला अफसरों को स्थिति से अवगत कराते हुए गोडाउन खोलने की अनुमति मांगी। पंचनामा बनाकर गोडाउन की सील खोली गयी जिसके बाद वहां रखा बोरी यूरिया किसानों को दिया गया।
पहले दूकान के बाहर लगी भीड़, बाद में पुलिस थाने से बांटे टोकन:
दूकान पर यूरिया आने की खबर के बाद किसानों की जो भीड़ लगी उसने पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए दिक्कतें खड़ी कर दी। ट्रक से आये 360 बोरी यूरिया बांटने के बाद व्यवस्था बदलते हुए खोले गए सील गोडाउन में रखी 328 बोरी यूरिया बांटने के लिए पुलिस थाने में किसानों की लाइन लगवाकर वहां से टोकन बांटे गए। यह टोकन दिखाने पर व्यापारी की दूकान से यूरिया मिला।