तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने नियमों को तांक में रखते हुए डॉ. शोभा सुद्रास को देवास के लॉ कालेज का प्राचार्य बनाया था देवास से पत्रकार नितेश नागर की रिपोर्ट

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तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने नियमों को तांक में रखते हुए डॉ. शोभा सुद्रास को देवास के लॉ कालेज का प्राचार्य बनाया था

देवास। पिछले लंबे समय से विवादित चल रही लॉ कालेज देवास की प्राचार्य शोभा सुद्रास की याचिका को आखिरकार उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा खारिज कर दिया गया है और न्यायालय ने भी मान लिया है कि लॉ कालेज का प्राचार्य होने के लिए लॉ का प्रोफेसर होना आवश्यक है। जबकि डॉ. शोभा सुद्रास समाजशास्त्र की प्रोफेसर है।
गौरतलब है कि कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने नियमों को तांक में रखते हुए डॉ. शोभा सुद्रास को देवास के लॉ कालेज का प्राचार्य बनाकर भेज दिया था। शोभा सुद्रास ने देवास लॉ कालेज में चार्ज लिया था कि अगले दिन कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और मंत्री जीतू पटवारी पद से हट गए थे। तब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस पूरे मामले की शिकायत विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर राज्यपाल तक को की थी। साथ ही भाजपा की सरकार बनने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भी मामले से अवगत कराया था। अभाविप की शिकायत का असर यह हुआ कि सरकार ने डॉ. शोभा सुद्रास का स्थानांतरण अलीराजपुर कर दिया, किंतु प्राचार्य ने वहां जाने के बजाय उच्च न्यायालय में याचिका लगा दी थी और अपनी दलील में कहा था कि काफी कम अवधि में स्थानांतरण कर दिया गया है। साथ ही अपनी बीमारी व अपने पिता की बीमारी को भी आधार बनाया था। जबकि सरकारी वकील ने दलील दी थी कि लॉ कालेज के प्राचार्य को कानून का प्रोफेसर होना चाहिए और यही नियम बार काउंसिल ऑफ इंडिया का भी है। जबकि शोभा सुद्रास समाज शास्त्र की प्रोफेसर है, इसीलिए नियमानुसार वे लॉ कालेज की प्राचार्य नहीं रह सकती है। इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा यह कहते हुए कि लॉ कालेज के प्राचार्य के रूप में जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है। 
कालेज में चल रहा घमासान
भले ही राज्य सरकार ने लॉ कालेज की प्राचार्य शोभा सुद्रास का स्थानांतरण अलीराजपुर कर दिया हो और इस आदेश के खिलाफ लगाई गई याचिका को भी उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। बावजूद इसके शोभा सुद्रास लॉ कालेज के प्राचार्य का पद छोडऩे को तैयार नहीं है और लीड कालेज के प्राचार्य सी.एल. वरे के किसी भी आदेश को मानने से इंकार कर दिया है। मामला थाने तक भी जा पहुंचा है, जहां डॉ. शोभा सुद्रास लीड कालेज प्राचार्य के खिलाफ नाहर दरवाजा थाने पर आवेदन दे चुके है। वहीं प्राचार्य वरे पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर को पत्र दे चुके है।
इस संबंध में सी.एल. वरे का कहना है कि चूंकि राज्य सरकार ने शोभा सुद्रास का स्थानांतरण किया है। हमने उन्हें रिलीव होने के लिए कहा था। उन्होंने राज्य सरकार के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है। मैंने इस पूरे मामले से कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, उप संचालक रमेश जाटव सहित भोपाल में भी अवगत करा दिया है।

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