टोंकखुर्द में राष्ट्रीय लोक अदालत हुईं संपन्न, न्यायाधीशों ने पक्षकारों को बांटे फलदार पोधे

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टोंकखुर्द में राष्ट्रीय लोक अदालत हुईं संपन्न,न्यायाधीशों ने
पक्षकारों को बांटे फलदार पोधे

देवास/टोंकखुर्द

टोंकखुर्द ।शनिवार को न्यायालय परिसर टोंक खुुुर्द ने राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया ।लोक अदालत के प्रारंभ में न्यायाधीश शिव चरण पटेल व श्वेता खरे ने सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर सामाजिक दूरी रखते हुए लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया ।इस अवसर पर उपस्थित पक्षकारों को संबोधित करते हुए न्यायाधीश पटेल ने कहा कि समय के साथ सुधार आएगा तभी तो जीवन में निखार आएगा।लोक अदालत के माध्यम से संबंधों में सुधार लाने का स्वर्णिम समय है।यदि हम बिगड़े संबंधों को सुधार कर विवादों को आपसी सहमति से निपटाते है तो इसमें दोनो पक्षों में से किसी को जीत और न ही किसी की हार होगी।दोनो पक्षों में सौहार्द व विश्वास का रिश्ता बनता है और विवाद के निपटारे से समय और धन की भी बचत होती है और वही समय और धन यदि भावी पीढ़ी बच्चो की शिक्षा में खर्च किया जाए तो न केवल एक परिवार,एक गांव,एक शहर या देखा जाएं तो देश ,प्रदेश की उन्नति का द्वार खुलता है बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति की उन्नति का आधार भी बनता है।न्यायाधीश श्वेता खरे ने कहा कि लोंक अदालत राजीनामा करने का एक अच्छा माध्यम है इसमें राजीनामा करने के कई फायदे है।लोक अदालत में लोगो को सुलभ और त्वरित न्याय मिलता है तथा कोई शुल्क नहीं लगता है।लोक अदालत के फैसले पर कोई पुनर्विचार नहीं होता है।लोक अदालत में ऐसे प्रकरणों के निराकरण से समाज में यह प्रेरणा मिलती है कि छोटी सी तकरार के कारण इन रिश्तों में कटुता आ जाती है ठीक उसी प्रकार एक छोटे से प्रयास से प्रकरण में रिश्ते ,संबंध में माधुरी बनाकर एक टूटते परिवार ,एक टूटते घर एवं एक छोटे बच्चे के बिखरते मातृत्व एवं पितृत्व के स्नेह को बांधकर रखा जा सकता है।लोक अदालत में न्यायाधीश शिव चरण पटेल की खंडपीठ में 71 प्रकरण रखे गए थे जिसमे से आपराधिक 8,चेक बाउंस 2 ,घरेलू हिंसा 2,,दीवानी 4=कुल 16 प्रकरणों का निराकरण हुआ और चेक बाउंस के प्रकरण से 60 हजार रू की राशि संबंधित पक्षकारों को प्राप्त हुई।वहीं न्यायाधीश श्वेता खरे की खंडपीठ ने 50 प्रकरण रखे थे जिसमे आपराधिक 17,चेक बाउंस 1,घरेलू हिंसा 2, दीवानी 1 कुल 21 प्रकरणों के आपसी राजीनामे के तहत निराकरण हुआ और चेक बाउंस के प्रकरणों से 10 हजार रू संबधित पक्षकारों को प्राप्त हुए।इस प्रकार टोंक खुर्द न्यायालय की दोनो खंड पीठों में 37 प्रकरणों का निराकरण हुआ।लोक अदालत में राजीनामा करने वालो पक्षकारों को न्यायाधीशगण शिव चरण पटेल व श्वेता खरे ने पोेधे वितरित किए।लोक अदालत में सुलह कराने में वरिष्ठ अभिभाषक गोविंद सिंह पटेल,दिलीपसिंह पंवार,जगदीश सिंह गालोंदिया,सौदान सिंह ठाकुर,.मुश्ताक अहमद सिद्दीकी .सुमेर सिंह यादव,पदम सिंह उदाना,श्याम गालोदिया. संतोष सिंह जाट,आशीष भंडारी,शशिकांत शर्मा,जगदीश लाठियां,पीएलव्ही रविन्द्र सिंह गौर, राहुल पोलाया व न्यालयीन कर्मचारीगण अरविंद सिंह सोलंकी सुनील वर्मा,अजय वर्मा,ओम प्रकाश उइके,नितेंद्र तिवारी,पुरुषोत्तम साहू,,गणेश खोडे,मनोज विश्वकर्मा,शाहरुख खान, अंकित लोधी,,किशोर सिंह कुशवाह,,केदारसिंह मंडलोई. शिवनारायण शर्मा .हीरालाल यादव,विक्रम सिंह चंदेल, रवि दुबे , दिनेश माली,जितेंद्र ठाकुर आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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सालो से बिछड़े पति पत्नी हुए एक,
टोंक खुर्द की लिलीमा की शादी शुजालपुर के दीपांकर देव से हुई थी और उनकी एक 1,साल की बेटी भी है।लिलिमा ने छोटे – मोटे घरेलू विवाद के कारण दीपांकर के विरूद्ध वर्ष 2021 में घरेलू हिंसा का प्रकरण दर्ज कराया था और तभी से दोनो पति पत्नी अलग अलग रह रहे थे।लेकिन लोक अदालत में न्यायाधीश श्वेता खरे व अधिवक्ता मुश्ताक अहमद सिद्दीकी व शशिकांत शर्मा की समझाईश पर दोनो सारे गिले शिकवे भूलकर साथ रहने को राजी हो गए।न्यायालय में लीलिमा और दीपांकर ने एक दूसरे के गले में माला पहनाई और मिठाई खिलाई और दोनो खुशी खुशी अपने घर रवाना हो गए।इस प्रकार लोक अदालत के माध्यम से सालो से अलग रह रहे पति पत्नी एक हो गए।

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