ग्रामीण में महिलाओं ने पीपल वृक्ष की पूजा अर्चना कर मनाया दशा माता का पर्व।
देवास बरोठा नेवरी व आसपास के छैत्र मैं महिलाओं ने पीपल वृक्ष का पूजन कर दशा माता का पर्व मनाया।
मान्यता है कि चेत्र कृष्ण दशमी तिथि दशा माता का व्रत एवं पूजन करने वालों की दरिद्रता दूर हो जाती हैं माना जाता है कि जब मनुष्य की ग्रह दशाए ठीक होती है तब उसके सभी कार्य अनुकूल होते हैं जब गृह प्रतिकूल होती है तब बहुत परेशानी होती है हर कदम पर विघ्न आते हैं कोई कार्य पूरा नहीं होता इन्हीं परेशानियों से निजात पाने के लिए हिंदू धर्म में दशा माता की पूजा तथा व्रत करने का विधान है चेत्र कृष्ण पक्ष की दशमी पर व्रत रखकर पूजा करने से तुसी दिशाएं दूर होती है यह व्रत मुख्यतः सुहागिनी महिलाएं रखती है दशा माता का व्रत के दिन एक ही समय एक ही प्रकार का का सेवन किया जाता है इनमें खासतौर पर गे हूं का ही उपयोग किया जाता है इसरत में भोजन में नमक नहीं डाला जाता है खास बात यह है कि दशा माता व्रत जीवन भर किया जाता है इसका उद्यापन नहीं होता है व्रत के प्रभाव से धीरे धीरे ग्रह दशा सुधरने से जीवन में उन्नति होती है।