कृषि उपज मंडी द्वारा प्रदत्त गोदाम से अवैध रूप से हो रहा था शक्कर का विक्रय
अवैध रूप से शक्कर का मंडी परिसर के गोदाम में आना आश्चर्यजनक
सोनकच्छ :- लॉक डाउन के चलते किराना और मेडिकल व्यपारियो को समान बेचने की छूट दी गई है । जिसमे उनको लोगो की आवश्यकता के अनुसार स्टॉक करने की अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई है लेकिन सोनकच्छ कृषि उपज मंडी परिसर में निर्मल ट्रेडर्स नाम की फर्म के व्यापारी संजय जैन द्वारा छूट का दुरुपयोग करते बिना मंडी की अनुमति के करीब 900 कट्टी शक्कर का भंडारण मण्डी परिसर स्थित गोदाम में किया गया था , जिसकी जानकारी मंडी प्रशासन को थी ही नहीं ।
बुधवार को सुबह निर्मल ट्रेडर्स के मंडी परिसर स्थित गोदाम से ही शक्कर बेची जा रही थी । एसडीएम अंकिता जैन को मंडी में बिना अनुमति के शक्कर भरी होने की सूचना मिलने पर एसडीएम जैन द्वारा मंडी सचिव रूपसिंह चौहान को मंडी व्यापारी पर कार्रवाई करते हुए गोडाऊन सील करने का आदेश दिया गया । जिसके बाद करीब 2:30 बजे मंडी सचिव चौहान व्यापारी के गोदाम पर पहुँचे एवम व्यापारी को बुलवाकर गोदाम का ताला खुलवाया । गोदाम में शक्कर की लगभग 900 कट्टी शक्कर में मिली । जिसके बाद मंडी प्रशासन ने मौका पंचनामा बनाकर गोदाम को सील कर दिया । पंचनामा बनाते समय ही लगभग 900 बोरी शक्कर गोदाम में होना पाया गया जबकि व्यापारी द्वारा वहाँ से माल बेचा भी जा चूका था जिससे साफ प्रतीत होता है कि भण्डारण और भी ज्यादा मात्रा में था ।
मंडी अधिनियम के अंतर्गत होगी कानूनी कार्रवाई :-
मंडी सचिव चौहान ने बताया कि नियम के अनुसार मंडी परिसर में अनाज गोदाम में रखने की अनुमति होती है लेकिन व्यापारी द्वारा अनाज के अलावा शक्कर का अवैध भंडारण किया गया है । जिस आधार पर निर्मल ट्रेडर्स का गोदाम फिलहाल पंचनामा बनाकर सील किया गया है । मंडी अधिनियम के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई भी की जाएंगी । व्यापारी जैन को किए गए शक्कर के अवैध भंडारण के विषय मे जानकारी मांग मंडी अधिनियम 1972 की धारा 33 अधिनियम के अंतर्गत उसका व्यापारी पंजीयन निरस्त क्यों ना किया जाए इस हेतु कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है ।
मंडी प्रशासन को बिना भनक लगे परिसर में कैसे पहुँची शक्कर :-
मंडी परिसर के दोनो गेटों पर नाके लगे हुए है तथा कर्मचारियों की ड्यूटी लगी होती है, जिसमे किसी भी वाहन की आवक-जावक की इंट्री होती है । जिसके बाद भी बिना जानकारी के इतनी मात्रा में शक्कर मंडी में पहुँची जो मंडी प्रशासन की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है । बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की सामग्री मंडी में नही आ सकती । फिर भी यदि मंडी प्रशासन की जानकारी के बिना यह संभव हुआ भी है तो न जाने कितने माल वाहन मंडी बोर्ड को मंडी टैक्स का चुना लगाते मंडी से बाहर भी जाते होंगे । अब देखना है कि मंडी प्रशासन अवैध रूप से मंडी के अंदर-बाहर हो रहे ट्रकों पर कार्रवाई करता है या नही।