किसानों पर फिर छाए संकट के बादल
पकी फसल बारिश से हो रही नष्ट
कांटाफोड़ – अन्न दाता कहे जाने वाले किसानों पर हमेशा ही संकट के बादल छाए रहते हैं शासन चाहे किसानों की आय दुगनी करने में लगे हो मगर वास्तविकता इन सब से कोसो दूर है जब भी फसल पक कर तैयार होती है तब कही ना कही प्राकृतिक आपदा पांव पसारे खड़ी रहती है अभी किसान पिछले सोयाबीन , मक्का , ज्वार की फसल नुकसानी को भुला नहीं पा रहें वहीं इस वर्ष भी खेतों में कही फसल खड़ी है तो कही कट कर खेत में पड़ी है उस पर मौसम की मार किसानों की कमर तोड़ रही है मुंग में पीले मोजेक से मुंग की फसल नष्ट हो गईं वही सोयाबीन का रकबा कम था मगर फसल अच्छी थीं वह भी खेत में खड़ी है और लगातर बारिश से नष्ट होने की कगार पर हैं सोमवार को फिर तेज हवा और तेज बारिश ने किसानों की चिंता बड़ा दी वहीं कही कही बिजली गिरने की भी जानकारी मिली है सोमवार को तेज बारिश और बारिश से ग्राम सलामतपुरा के किसान शंकर गोमलाडु , विष्णु मीणा, जगदीश मीणा , रामहेत मीणा, महेश पंचोली है की मक्का की फसल आड़ी हो गईं जिससे फ़सल में नुक़सान का अंदेशा है।