कलेक्टर श्री शुक्ला ने देवास जिले के लिए जारी किए नवीन प्रतिबंधात्मक आदेश–

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कलेक्टर श्री शुक्ला ने देवास जिले के लिए जारी किए नवीन प्रतिबंधात्मक आदेश———–

कोचिंग संस्थान में बैठने की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की क्षमता के आधार पर संचालन


सभी एस.डी.एम. कोचिंग संस्थानों का सतत करें निरीक्षण


रात्रि में आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रम प्रतिबंधित रहेंगे


किसी भी प्रकार के जुलूस, रैली, धरना प्रदर्शन पूर्णतः रहेगा प्रतिबंधित


        देवास, 31 दिसम्बर 2020/ कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला ने कोरोना वायरस संक्रमण

को रोकने एवं आमजन के स्वास्थ्य, सुरक्षा और आशंकित संकट को दूर करने तथा क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण देवास जिले की राजस्व सीमाओं के लिए पूर्व में जारी प्रतिबन्धात्मक आदेश में आंशिक संशोधित करते हुए नवीन प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।

  जारी आदेश में उल्लेख है कि देवास जिले में कोरोना वायरस के चलते समय-समय पर धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत कुछ गतिविधियों को विनियमित किया जाता रहा है। मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 24 दिसम्बर 2020 को जारी आदेश के तारतम्य में पूर्व में जारी आदेशों में संशोधन करते हुए 30 दिसम्बर 2020 को नवीन आदेश जारी किये है।

जारी आदेशानुसार विभिन्न कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों में पूर्व में प्रतिबंध लगाकर बंद रखा गया था। इसमें संशोधन करते अब कोचिंग संस्थान उनमें बैठने की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की क्षमता के आधार पर संचालन किये जाने कि अनुमति इस शर्त पर प्रदान की गई है। कोचिंग प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र/ छात्राओं के अभिभावक की लिखित सहमति कोचिंग संचालक के पास कोचिंग संस्थान में अनिवार्य रूप से निरीक्षण के दौरान उपलब्ध रहनी चाहिए। बिना अभिभावक की लिखित अनुमति के अथवा 50 प्रतिशत की क्षमता से अधिक की क्षमता पर छात्र छात्राओं को कोचिंग दिए जाने पर ऐसी कोचिंग संस्थानों पर छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हए बंद कराए जाने हेतु क्षेत्रीय सब डिविजन मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया गया है। सभी एस.डी.एम. इस हेतु कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करेंगे तथा उल्लंघन पाए जाने पर आवश्यक दण्डात्मक आदेश अपने स्तर से जारी कर सकेंगे ।

मध्यरात्रि के आयोजनों के संबंध में

कलेक्टर श्री शुक्ला ने मध्य रात्रि के आयोजनों के संबंध में आदेश जारी किए हैं, जिनमें पूर्व वर्षों की भांति मैरीज गार्डन अथवा अन्य खुले क्षेत्रों में डी.जे/ डिस्कों आदि की व्यवस्थाएं करते हुए होने वाले बड़े आयोजनों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रहेगा। साथ ही ऐसे समस्त स्थल जो रेस्टोरेंट अथवा बॉर के रूप में खाद्य पदार्थ देने हेतु नियमित रूप से संचालित हो रहे है, वहां पर पूर्व में निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध बैठक क्षमता तक ही ग्राहकों को लिया जाकर आज 31 दिसम्बर 2020 को अपना संस्थान संचालित कर सकेंगे। ऐसे रेस्टोरेंट/बॉर आदि में मात्र संगीत आदि का कार्यक्रम किया जा सकेगा तथा पृथक से डी.जे. आदि की व्यवस्थाएं नहीं की जा सकेगी। रेस्टोरेंट के उपलब्ध खुले क्षेत्र में उस क्षेत्र की क्षमता के 50 प्रतिशत क्षमता तक कुर्सियां लगाई जा कर आमजन को खाद्य पदार्थ दिया जा सकेगा। इन खुले क्षेत्रों में मात्र संगीत का कार्यक्रम हो सकेगा तथा डी.जे. अथवा डांस आदि की व्यवस्थाएं नहीं की जा सकेगी। इन सब आयोजनों में कोविड संबंधी समस्त सावधानियां जैसे – सेनेटाईजर, मास्क आदि का पालन कराना रेस्टोरेंट स्वामी के लिए अनिवार्य रहेगा।

आज दिनांक 31 दिसम्बर को कोई भी ऐसा कार्यकम नहीं किया जा सकेगा जिसमें पृथक से कोई टिकिट लगाया जा सके अथवा देवास से बाहर से कोई कलाकार बुलाकर पृथक से कोई कार्यक्रम आयोजित हो सके। सभी रेस्टोरेट स्वामी अथवा बॉर संचालक (एफएल-2, एफएल-3 अथवा एफल-5) लाईसेंस धारी आबकारी संचालक का यह दायित्व होगा कि वे लाईसेंस की सभी शर्तों का पालन करे तथा 21 वर्ष से कम आयु के छात्र – छात्राओं को ऐसे स्थलों पर प्रवेश नहीं दिया जाए। अगर यह पाया जाता है कि उपरोक्त वर्णित युवा वर्ग को आबकारी लायसेंसधारी द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर प्रवेश दिया गया अथवा शराब परोसी गई ऐसी स्थिति में क्षेत्रीय एस.डी.एम. ऐसे स्थानों पर बॉर संबंधी समस्त संचालन गतिविधियों को क्षेत्रीय पुलिस एवं आबकारी अमले के सहयोग से बंद करवायेंगे।

बिना पूर्व एवं सक्षम अनुमति के जुलूस /आमसभा/रैली/ धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेंगे। यह आदेश जन साधारण की सुविधा हेतु तत्काल पालन हेतु प्रभावशील किया गया है। यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 ( 2 ) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया गया है। आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 ( 5 ) अंतर्गत जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तों से छूट दे सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेंगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आवेगा।

कलेक्टर श्री शुक्ला ने जिले अनुविभागीय अधिकारियों/ एसडीओ (पी) को आदेश दिए हैं कि वे अपने अनुभाग क्षेत्र में आदेश का पालन सुनिश्चित कराएंगे। उल्लंघन की स्थिति में भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 187,188, 269, 270, 271 एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 तथा द एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के अंतर्गत कार्यवाही कर उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करना सुनिश्चित करें।शेष आदेश एवं उसमें समय-समय पर दी गई छूट पूर्ववत् लागू रहेगी।

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