देवास कमलापुर
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कमलापुर रेंजर और जुनवानी कार्यालय डिप्टी रेंजर ने किसान से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया
देवास जिले के कमलापुर कार्यालय में आए दिन रेंजर और डिप्टी रेंजर वन रक्षक अपने ड्यूटी पर रहते ही नहीं है इसी के चलते जिनवाणी रेंज मैं सागवान के पेड़ धड़ल्ले से कट रहे हैं सागवान के पेड़ और लकड़ कट्टों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है मिली जानकारी के अनुसार रेंजर सीमा सिंह डिप्टी रेंजर साधु सिंह हमेशा अपने कार्यालय से नदारद रहते हैं वही वनरक्षक आरती आज तक कार्यालय में उपस्थित नहीं हुई आखिरकार किस बात की आखिरकार अधिकारी तनख्वाह लेते हैं जानकारी तो यहां तक की बताई गई है कि रेंजर सीमा से कार्यालय चंद केसर से करीब आठ 10 दिन में सिर्फ एक बार खानापूर्ति के लिए शाम तक पहुंचती है और डिप्टी रेंजर भी कुछ ऐसा ही करते नजर आते हैं साधु सिंह 20 महीनों कार्यालय नहीं पहुंचते सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला कि वह अपने को खुद बड़ा अधिकारी मानते हैं इसी के बीच खेडा साल की महिला निर्मला बाई का आरोप है कि 1 दिन पूर्व वह अपने खेत पर खाकरे तोड़ रही थी कि अचानक साधु सिंह डिप्टी रेंजर अपनी टीम के साथ आए और निर्मला बाई पति सोनू चौहान को बड़ी बेरहमी से मारते हैं जिसकी शिकायत महिला ने थाने पर की थी थाना प्रभारी सूरिया भदोरिया का कहना है कि यदि जांच मैं पाया गया तो बिल्कुल कार्रवाई करूंगी अभी हम ने महिला का मेडिकल करवा दिया है मामले की जांच कर रही हो फरियादी निर्मला चौहान को अतिक्रमण का बहाना बनाकर बहुत पीटा और महिला का कहना है कि मुझे जान से मारने की धमकी भी दी है यदि उचित कार्रवाई नहीं की तो मैं ऊपर तक जाऊंगी वही एक किसान अपना ट्रैक्टर लेकर अपने जमीन हक रहा था इसी के बीच डिप्टी रेंजर साधु सिंह ने मुझे रोड और मेरा ट्रैक्टर धनतला चौकी पर खड़ा कर दिया मुझे धमकाया कि अगर मेरा ट्रैक्टर करवाना हो तो मुझे ₹25000 देने होंगे मुझे धमकाते हुए डिप्टी रेंजर साधु सिंह ने ₹25000 लिए और 3 दिन बाद मेरा ट्रैक्टर छोड़ दिया जिसकी शिकायत में कल एसपी को करूंगा और डीएफओ देवास को भी करूंगा इसी प्रकार जंगल में भी कई अवैध लक्कड़ कट्टे सागवान के पेड़ों को निडर होकर डिप्टी रेंजर की मिलीभगत से काट रहे हैं किसानों का कहना है कि डिप्टी रेंजर की मिलीभगत से सागवान का पेड़ 300 से ₹500 देकर रेंजर की मिलीभगत से लखन कट्टे सागवान के पेड़ निडर होकर धड़ल्ले से काट रहे हैं ऐसे वन विभाग के कर्मचारियों के ऊपर किसानों ने मांग की है कि उचित से उचित कारवाई की जाए