अतिथि शिक्षिका के साथ दुष्कर्म करने के मामले में हेडमास्टर को 23 साल जेल की सजा
सतवास :-. अपरलोक अभियोजक गिरधर गोपाल तिवारी ने बताया कि फरियादी द्वारा अपने पिता लाखनसिंह मामा मोहनसिंह के साथ थाना सतवास मे इस आशय से रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बालक माध्यमिक विद्यालय सतवास मे अभियोत्री अतिथि शिक्षक के पद पर कार्य कर रही थी। हेड मास्टर बाबूखॉ वनारसी निवासी सतवास उसे करीब 3 माह से लगातार धमकी दे रहा था
कि वह उसके साथ शारीरीक संबंध बनाये और यदि उसने ऐसा नही किया तो उसे वह नोकरी से निकाल देगा इस कारण से डर के कारण अभियोत्री ने यह बात अपने परिवार वाले को नही बताई । 18जनवरी 2017 को स्कूल की छुटटी होने के बाद आरोपी बाबूखॉ जो कि हेडमास्टर था उसने उसे रोका और कक्षा आठवी के क्लासरूम मे बाबू बनारसी कमरे मे आया जब अभियोत्री रिजल्ट शीट पर नम्बर चढा रही थी बाबूखॉ कमरे मे आया और आते ही दरवाजा लगाकर नजदीक मे आकर अभियोत्री को पकड लिया, और डरा धमकाकर उसके साथ जबरजस्ती बालात्कार किया और इस प्रकार की धौंस दी कि घटना के बारे मे किसी को जानकारी दी तो जान से खत्म कर दूंगा ,और नोकरी से निकाल दूंगा । अभियोत्री ने अपने घर जाकर घटना के बारे मे अपने पिता लाखनसिंह व मां कलाबाई को घटना के बारे मे बताया और फिर मे थाने जाकर रिपार्ट की।
पुलिस सतवास द्वारा प्रकरण मे अनूसंधान पूर्ण कर खातेगॉव न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तमाम साक्ष्य निर्धारण के पश्चात अपरसत्र न्यायधीश ने अपने निर्णय मे उक्त अपराध मे आरोपी को दोषी पाते हुए धारा 342 भा.द.वि. के अन्तर्गत एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/ का अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया, 376 2 (बी) भा.द. बी. के अन्तर्गत दस वर्ष का सश्रम कारावास एव 5000/ का अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया।
धारा 376 2 (ज्ञ) के अपराध मे दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/ के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया।
धारा 506 भाग-2 के अन्तर्गत 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/ के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया।
इस प्रकार आरोपी को कुल 23 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 13000/ के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया।
सभी सजाए एक के बाद एक भुगताई जावेगी।
अपर सत्र न्यायाधीश ने अपने निर्णय मे स्पष्ट किया की अभियोत्री अतिथि शिक्षक बालक माध्यमिक विद्यालय सतवास मे उक्त दिनांक को कार्यरत थी और आरोपी बाबूखॉ बनारसी हेडमास्टर था उसके द्वारा अपने अधिनस्थ अतिथि शिक्षिका को शिक्षा कैन्द्र मे रोक कर जबरन बलात्कार किया । उसका यह अपराध गंभीर प्रकृती का होकर अपने अधिनस्थ लोकसेवक के साथ यह घिनाना कृत्य है।
समाज मे इस प्रकार के बड़ रहे अपराध को और अधिनस्थ व्यक्ति की स्वतंत्रता का खण्डन होकर उसके साथ किया गया अपराध सर्वथा दंडनीय है।
न्यायालय द्वारा आरोपी का जैल वारंट बनाकर जैल भेजा गया । राज्य शासन की और से पैरवी अपरलोक अभियोजक गिरधर गोपाल तिवारी ने की।